क्या जीवन की पुस्तक और मेम्ने के जीवन की पुस्तक के मध्य में कोई भिन्नता है?

प्रश्न क्या जीवन की पुस्तक और मेम्ने के जीवन की पुस्तक के मध्य में कोई भिन्नता है? उत्तर नए नियम में “जीवन की पुस्तक” के सम्बन्ध में आठ संदर्भ पाए जाते हैं, और उनमें से दो विशेष रूप से उस जीवन की पुस्तक की पुस्तक के विषय में जिसका सम्बन्ध मेम्ने, अर्थात् यीशु मसीह से…

प्रश्न

क्या जीवन की पुस्तक और मेम्ने के जीवन की पुस्तक के मध्य में कोई भिन्नता है?

उत्तर

नए नियम में “जीवन की पुस्तक” के सम्बन्ध में आठ संदर्भ पाए जाते हैं, और उनमें से दो विशेष रूप से उस जीवन की पुस्तक की पुस्तक के विषय में जिसका सम्बन्ध मेम्ने, अर्थात् यीशु मसीह से है। प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में सात संदर्भ पाए जाते हैं। जिनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे हुए हैं, वे लोग परमेश्‍वर से सम्बन्धित हैं, वे जिन्होंने शाश्‍वतकालीन जीवन को प्राप्त किया है।

पौलुस उन लोगों को संदर्भित करता है, जिन्होंने उसके साथ सेवकाई की थी, जिनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे हुए हैं (फिलिप्पियों 4:3), एक बार फिर से, जीवन की पुस्तक की पहचान उन लोगों के नाम को लिपिबद्ध करते हुए की गई है, जिनके पास शाश्‍वतकालीन उद्धार है। ठीक इसी तरह से, प्रकाशितवाक्य 3:5 जीवन की उस पुस्तक को उद्धृत करता है, जिनमें प्रभु में पाए जाने वाले विश्‍वासियों के नाम लिखे हुए हैं। ये वे विश्‍वासी हैं, जिन्होंने उनके पार्थिव जीवन में परीक्षाओं के ऊपर विजय पाते हुए, यह प्रमाणित किया है कि उनका उद्धार वास्तविक है। यह वचन साथ ही यह स्पष्ट करता है कि जब एक बार जीवन की पुस्तक में नाम लिख लिया जाता है, तो यीशु प्रतिज्ञा करते हैं कि वह इसे कभी नहीं मिटाएँगे, जो एक बार फिर से शाश्‍वतकालीन सुरक्षा के धर्मसिद्धान्त को प्रमाणित करता है। प्रभु यीशु, जो प्रकाशितवाक्य की पुस्तक के इस अंश में कलीसियाओं से बात कर रहा है, उसके लोगों को पिता के सामने स्वीकार करने की प्रतिज्ञा करता है। इसके विपरीत, प्रकाशितवाक्य 20:15 उन लोगों के गंतव्य — आग की झील में अनन्त काल को प्रगट करता है, जिनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं हैं ।

प्रकाशितवाक्य 13:8 और 21:27 में, हम “मेम्ने के जीवन की पुस्तक” के संदर्भ को पाते हैं, जिसमें भी उन लोगों के नाम लिखे हुए जिन्हें मेम्ने, अर्थात् यीशु मसीह के लहू से धोया गया गया है। मेम्ना जिसका “वध सृष्टि के आरम्भ” में किया गया था, के पास एक पुस्तक है, जिसमें उन लोगों के नाम लिखे हुए हैं, जिनका छुटकारा उसके बलिदान से हुआ है। ये वे लोग हैं, जो पवित्र नगर, नए यरूशलेम में प्रवेश करेंगे (प्रकाशितवाक्य 21:10) और वहाँ पर सदैव स्वर्ग में परमेश्‍वर के साथ रहेंगे। क्योंकि जीवन की पुस्तक वह है, जिसमें उन सभों के नाम लिखे हुए हैं, जिन्होंने मेम्ने के द्वारा शाश्‍वतकालीन जीवन को प्राप्त किया है, इसलिए यह स्पष्ट है कि जीवन की पुस्तक और मेम्ने के जीवन की पुस्तक एक ही है।

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