क्या परमेश्‍वर शैतान से प्रेम करता है?

प्रश्न क्या परमेश्‍वर शैतान से प्रेम करता है? उत्तर नहीं, परमेश्‍वर शैतान से प्रेम नहीं करता है, और न ही हमें करना चाहिए। परमेश्‍वर किसी भी ऐसे को प्रेम नहीं कर सकता है, जो बुरा और अशुद्ध है, और शैतान इन सभी बातों का प्रतीक है। वह शत्रु है (1 पतरस 5:8); बुरा है (मत्ती…

प्रश्न

क्या परमेश्‍वर शैतान से प्रेम करता है?

उत्तर

नहीं, परमेश्‍वर शैतान से प्रेम नहीं करता है, और न ही हमें करना चाहिए। परमेश्‍वर किसी भी ऐसे को प्रेम नहीं कर सकता है, जो बुरा और अशुद्ध है, और शैतान इन सभी बातों का प्रतीक है। वह शत्रु है (1 पतरस 5:8); बुरा है (मत्ती 6:13); झूठ का पिता और हत्यारा है (यूहन्ना 8:44); परमेश्‍वर के लोगों पर दोष लगाने वाला है (प्रकाशितवाक्य 12:10); परखने वाला है (1 थिस्सलुनीकियों 3:5); घमण्डी, दुष्ट और हिंसक है (यशायाह 14:12-15); धोखा देने वाला (प्रेरितों के काम 13:10); युक्तियों को रचने वाला (इफिसियों 6:11); चोर (लूका 8:12); और इसके अतिरिक्त कई अन्य बुरी बातें। सत्य तो यह है कि वह प्रत्येक वह बात है, जिससे परमेश्‍वर घृणा करता है। शैतान का मन परमेश्‍वर की घृणा के लिए ठहराया हुआ और पुष्टि किया हुआ है, परमेश्‍वर की ओर से उसके लिए दण्ड ठहराया हुआ है और उसका विनाश निश्चित है। प्रकाशितवाक्य 20 शैतान के लिए परमेश्‍वर की भविष्य की योजना को वर्णित करता है, और शैतान के लिए प्रेम का इसमें कोई हिस्सा नहीं है

यीशु की आज्ञा यह है कि हमें हमारे शत्रुओं से प्रेम करना चाहिए (मत्ती 5:44) का अर्थ इस संसार में परस्पर सम्बन्धों को नियन्त्रित करने के लिए है। हम ईश्‍वर से प्रेम करते हैं, और हम लोगों को (यहाँ तक कि हमारे शत्रुओं को भी) प्रेम करते हैं, जो परमेश्‍वर के स्वरूप में रचे गए हैं। स्वर्गदूतों को परमेश्‍वर के स्वरूप में नहीं रचा गया है। हमें कहीं भी पवित्र स्वर्गदूतों को प्रेम करने के लिए नहीं कहा गया है, और हमें निश्चित रूप से बुरे स्वर्गदूतों को भी प्रेम करने के लिए नहीं कहा गया है।

क्योंकि शैतान वह सब कुछ है जो कि परमेश्‍वर के प्रति विरोधात्मक है, जिस से हम प्रेम करते हैं, इसलिए हम शैतान से प्रेम नहीं कर सकते। यदि हम शैतान से प्रेम करते हैं, तो हम परमेश्‍वर से घृणा करने के लिए मजबूर हो जाएँगे, क्योंकि पवित्रता पाप के विपरीत है।

परमेश्‍वर ने पहले से निर्धारित कर लिया था कि शैतान के लिए क्षमा नहीं होगी; हम परमेश्‍वर के बलिदानात्मक प्रेम के लक्ष्य हैं, जिसे क्रूस के ऊपर दिखाया गया है। जब परमेश्‍वर अपने प्रेम में होकर मनुष्य का छुटकारा कर रहा था, वह शैतान का “खुल्लमखुल्ला तमाशा” बना रहा था (कुलुस्सियों 2:15)। शैतान के ऊपर परमेश्‍वर का न्याय हमारे लिए उसके महान् प्रेम का हिस्सा होगा।

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