क्या वर्तमान, या इसके बाद आने वाला पोप, मसीह विरोधी होगा?

प्रश्न क्या वर्तमान, या इसके बाद आने वाला पोप, मसीह विरोधी होगा? उत्तर मसीह विरोधी के पहचान के बारे में कई अनुमान पाए जाते हैं। निरन्तर चलते रहने वाले अनुमानों के कारण सबसे अधिक “पीड़ित” होने वाला व्यक्ति रोमन कैथोलिक कलीसिया का पोप है। प्रोटेस्टेंट धर्मसुधार के दिनों में, मार्टिन लूथर और कुछ अन्य धर्ससुधारक…

प्रश्न

क्या वर्तमान, या इसके बाद आने वाला पोप, मसीह विरोधी होगा?

उत्तर

मसीह विरोधी के पहचान के बारे में कई अनुमान पाए जाते हैं। निरन्तर चलते रहने वाले अनुमानों के कारण सबसे अधिक “पीड़ित” होने वाला व्यक्ति रोमन कैथोलिक कलीसिया का पोप है। प्रोटेस्टेंट धर्मसुधार के दिनों में, मार्टिन लूथर और कुछ अन्य धर्ससुधारक आश्‍वस्त थे कि उस समय का पोप ही मसीह विरोधी था। पोप जॉन पॉल द्वितीय और बेनेडिक्ट सोलहवें की पहचान सामान्यतः मसीह विरोधी के रूप में की गई है। वर्तमान पोप, फ्रान्सिस प्रथम, पर भी उतना ही अधिक लोकप्रिय लक्ष्य रहेगा। ऐसा क्यों है? क्या बाइबल में कुछ ऐसा संकेत पाया जाता है कि एक पोप मसीह विरोधी होगा?

एक पोप के मसीह विरोधी होने के बारे में अनुमान मूल रूप से प्रकाशितवाक्य 17:9 के चारों ओर निर्मित हैं। अन्त के समय के संसार की बुरी पद्धति की व्याख्या को पशु पर सवार एक स्त्री के द्वारा चिन्हित किया गया है, प्रकाशितवाक्य 17:9 घोषणा करता है, “उस बुद्धि के लिये जिस में ज्ञान है, यही अवसर है : वे सातों सिर सात पहाड़ हैं, जिन पर वह स्त्री बैठी है।” प्राचीन समयों में, रोम का नगर “सात पहाड़ों पर बसा हुआ नगर” के रूप में जाना जाता था, क्योंकि इस नगर के चारों ओर सात प्रमुख पहाड़ियाँ थीं। इस कारण, सोच ऐसी है कि, हम जानते हैं कि यह किसी तरह से रोम से सम्पर्क रखता है। इसलिए, यदि अन्त के समय के संसार की बुरी पद्धति किसी तरह से रोम से सम्बन्धित है — तो यह इस बात के लिए अधिक सोचने पर मजबूर नहीं करता है कि रोमन कैथोलिक कलीसिया का सम्भव इससे सम्पर्क है, जो कि रोम में केन्द्रित है। बाइबल के अँसख्य सन्दर्भ एक “मसीह विरोधी” का वर्णन करते हैं, जो अन्त के समय मसीह-के-विरोधी में एक आन्दोलन का नेतृत्व करेगा (दानिय्येल 9:27; 2 थिस्सलुनीकियों 2:3-4; प्रकाशितवाक्य 13:5-8)। इस कारण, अन्त-के-समय के बुरे संसार की पद्धति रोम में केन्द्रित है और किसी एक व्यक्ति — सम्भव प्रत्याशी पोप — के द्वारा नेतृत्व प्रदान किया जाएगा।

तथापि, बाइबल के बहुत से व्याख्याकार कहते हैं कि एक स्त्री रोमन कैथोलिक कलीसिया नहीं हो सकती है और सात पहाड़ रोम के लिए उद्धृत नहीं किया गया है। वे इस तथ्य का उद्धरण देते हैं कि प्रकाशितवाक्य 17-18 स्पष्टता के साथ पहचान करता है कि एक स्त्री बेबीलोन के नगर के रूप में एक पशु के ऊपर सवार है। (बेबीलोन का प्राचीन शहर आज के आधुनिक शहर बगदाद के निकट स्थित था।) इसके अतिरिक्त, वचन 10 बिल्कुल स्पष्ट कहता है कि सात पहाड़ सात राजाओं के प्रतीक हैं, जिनमें से पाँच “गिर चुके हैं, एक अभी है और एक आने पर है।” स्पष्ट है, यह रोम की सात पहाड़ियों के लिए संकेत नहीं दे रहा है। इसकी अपेक्षा, यह सात राजाओं के द्वारा संसार के सात साम्राज्यों के ऊपर राज्य करने के प्रति एक सन्दर्भ है। प्रकाशितवाक्य के समय में, पाँच साम्राज्य — मिस्र, असीरिया, बेबीलोन, मादी-फारसी और यूनान आए और समाप्त हो गए थे — और एक राज्य (रोम) विद्यमान था और एक (मसीह विरोधी साम्राज्य) अभी तक नहीं आया है।

मसीह विरोधी कोई भी क्यों न हो, महत्वपूर्ण बात यह है कि यह उसके आगमन की चेतावनी है और उसके पहचानने और उसकी आत्मा को धारण करने वालों को समझने की शिक्षा को प्राप्त करना है। पहला यूहन्ना 4:2-3 हमें बताता है कि मसीह विरोधी का आत्मा की पहचान कैसे करनी है : “परमेश्‍वर का आत्मा तुम इसी रीति से पहचान सकते हो कि जो कोई आत्मा मान लेती है कि यीशु मसीह शरीर में होकर आया है वह परमेश्‍वर की ओर से है, और जो कोई आत्मा यीशु को नहीं मानती, वह परमेश्‍वर की ओर से नहीं; और वही तो मसीह के विरोधी की आत्मा है; जिस की चर्चा तुम सुन चुके हो कि वह आनेवाला है: और अब भी जगत में है।” (बी. एस. आई. हिन्दी बाइबल)। वर्तमान का पोप, फ्रान्सिस प्रथम, यीशु को परमेश्‍वर की ओर से होने और यीशु को देह में आने को स्वीकार करता है (देखें 1 यूहन्ना 4:2)। जबकि हम पोप फ्रान्सिस प्रथम के साथ कैथोलिक धर्मसिद्धान्त के असँख्य क्षेत्रों में असहमत हैं, तथापि, यीशु मसीह के व्यक्तित्व के प्रति उसके दृष्टिकोण बाइबल आधारित हैं। इस कारण, यह विश्‍वास करना अत्यन्त कठिन है कि पोप फ्रान्सिस प्रथम मसीह विरोधी है। जबकि हम विश्‍वास करते हैं कि एक पोप मसीह विरोधी हो सकता है, बाइबल विशेष रूप से इस धर्मसिद्धान्त के ऊपर पर्याप्त सूचना नहीं देती है। भविष्य में आने वाला कोई पोप मसीह विरोधी या कदाचित् मसीह विरोधी का झूठा भविष्यद्वक्ता हो सकता है (प्रकाशितवाक्य 13:11-17)। यदि ऐसा है, तो भविष्य में आने वाला यह पोप स्पष्ट रूप से यीशु के देह में आने से इन्कार करने के कारण पहचाना जाएगा।

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