क्या हम मृत्यु उपरान्त स्वर्गदूत बन जाते हैं?

प्रश्न क्या हम मृत्यु उपरान्त स्वर्गदूत बन जाते हैं? उत्तर स्वर्गदूतों को परमेश्‍वर के द्वारा रचा गया है (कुलुस्सियों 1:15-17) और वे पूर्ण रीति से मनुष्य से भिन्न हैं। वे परमेश्‍वर की योजना को पूरा करने और मसीह के अनुयायियों की सेवकाई करने के लिए विशेष प्राणी हैं (इब्रानियों 1:13-14)। ऐसा कोई भी संकेत नहीं…

प्रश्न

क्या हम मृत्यु उपरान्त स्वर्गदूत बन जाते हैं?

उत्तर

स्वर्गदूतों को परमेश्‍वर के द्वारा रचा गया है (कुलुस्सियों 1:15-17) और वे पूर्ण रीति से मनुष्य से भिन्न हैं। वे परमेश्‍वर की योजना को पूरा करने और मसीह के अनुयायियों की सेवकाई करने के लिए विशेष प्राणी हैं (इब्रानियों 1:13-14)। ऐसा कोई भी संकेत नहीं मिलता है जहाँ ऐसा पता चले कि स्वर्गदूत पहले मनुष्य थे या ऐसा कुछ और थे – उन्हें स्वर्गदूतों के रूप में ही रचा गया था। स्वर्गदूतों की कोई आवश्यकता नहीं होती है, और वे उस छुटकारे का अनुभव नहीं कर सकते हैं जिसे मसीह मनुष्य जाति को प्रदान करने के लिए आया। पहला पतरस 1:12 सुसमाचार की ओर उनके देखने की इच्छा को वर्णित करता है, परन्तु यह उनके लिए अनुभव करने के लिए नहीं है। यदि वह पहले से ही मानवीय होते, उद्धार की विचारधारा उनके लिए एक रहस्य न रहते हुए, स्वयं इसका अनुभव करते। हाँ, वे तब हर्षित होते हैं जब एक पापी मसीह की ओर चला आता है (लूका 15:10), परन्तु मसीह का उद्धार उनके लिए नहीं है।

अन्त में, मसीह में विश्वासियों के शरीरों की मृत्यु हो जाएगी। तब क्या घटित होगा? मसीहियों की आत्मा मसीह के साथ होगी (2 कुरिन्थियों 5:8)। विश्‍वासी स्वर्गदूत नहीं बन जाते हैं। यह रूचीपूर्ण है कि एलिय्याह और मूसा को रूपान्तरण के पहाड़ पर पहचाना जा सका था। वे स्वर्गदूतों में परिवर्तित नहीं हुए थे। वे स्वर्गदूतों में परिवर्तित नहीं हुए थे, अपितु जैसे वे थे वैसे ही प्रगट हुए – यद्यपि वे महिमामयी थे – और पतरस, याकूब और यूहन्ना के द्वारा पहचाने गए थे।

1 थिस्सलुनीकियों 4:13-18, पौलुस हमें कहता है कि मसीह में जो विश्‍वासी मरते हैं वे यीशु में सो जाते हैं; अर्थात्, उनके शरीर तो मर जाते हैं, परन्तु उनकी आत्माएँ जीवित रहती हैं। यह मूलपाठ हमें बताता है कि जब मसीह का पुन: आगमन होगा तब वह उन्हें अपने साथ ले आएगा जो उसमें सोए हैं, और तब उनके शरीर जीवित हो उठेंगे, उन्हें मसीह की तरह जी उठे हुए शरीर को दिया जाएगा, और वह उनकी आत्माओं के साथ एकत्र होगा जिन्हें वह अपने साथ लेकर आएगा। मसीह में वे सभी विश्‍वासी जो मसीह के पुन: आगमन के समय जीवित होंगे, उनके शरीर मसीह की तरह परिवर्तित हो जाएंगे, और वे अपनी आत्माओं में पूरी तरह से नए होंगे, और अब और अधिक उनके पास पाप का स्वभाव नहीं होगा।

मसीह में सभी विश्‍वासी एक दूसरे को पहचान लेंगे और सदैव के लिए प्रभु के साथ रहेंगे। स्वर्गदूत नहीं, अपितु हम उसकी सेवा पूरे अनन्तकाल में करेंगे, परन्तु हम स्वर्गदूतों के साथ उसकी सेवा करेंगे। उस जीवित आशा के लिए प्रभु को धन्यवाद जिसे वह यीशु मसीह में उसके विश्वासियों को प्रदान करता है।

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