ग्लोसोलालिया क्या है?

प्रश्न ग्लोसोलालिया क्या है? उत्तर ग्लोसोलालिया, एक घटना जिसे कभी-कभी “उन्माद भरे उच्चारण” के रूप में भी उद्धृत किया जाता है, उन्माद की अवस्था में अस्पष्ट, भाषा-जैसी आवाजों का उच्चारण करना है। ग्लोसोलालिया कभी-कभी ज़िनोग्लोसिया के साथ भ्रमित हो जाती है, जो बाइबल में “अन्यभाषा के वरदान” के रूप में पाई जाती है। तथापि, जबकि…

प्रश्न

ग्लोसोलालिया क्या है?

उत्तर

ग्लोसोलालिया, एक घटना जिसे कभी-कभी “उन्माद भरे उच्चारण” के रूप में भी उद्धृत किया जाता है, उन्माद की अवस्था में अस्पष्ट, भाषा-जैसी आवाजों का उच्चारण करना है। ग्लोसोलालिया कभी-कभी ज़िनोग्लोसिया के साथ भ्रमित हो जाती है, जो बाइबल में “अन्यभाषा के वरदान” के रूप में पाई जाती है। तथापि, जबकि ग्लोसोलालिया किसी एक भाषा के अस्तित्वहीन में होने को बड़बड़ के रूप में बोलना है, ज़िनोग्लोसिया एक वक्ता के द्वारा कभी भी न सीखी हुई भाषा को बिना किसी बाधा के बोलने की क्षमता है।

इसके अतिरिक्त, जबकि ज़िनोग्लोसिया एक निहित या स्वाभाविक योग्यता नहीं होती है, अध्ययन यह दर्शाते हैं कि ग्लोसोलालिया एक सीखा हुआ व्यवहार होता है। लूथरन मेडिकल केन्द्र द्वारा किए हुए शोध में यह दर्शाया गया है कि सरल निर्देश दिए जाने के द्वारा ग्लोसोलालिया को बड़ी आसानी से सीखा जा सकता है। इसी के साथ, यह पाया गया कि विद्यार्थी उन्माद-जैसी घबराहट या व्यवहार के किसी भी संकेत के अभाव में “अन्यभाषा में बोलने” को प्रदर्शित कर सकते हैं। साठ विधार्थियों पर की गई एक और जाँच ने यह प्रगट किया है कि ग्लोसोलालिया के एक एक-मिनट के नमूने को सुनने के पश्चात्, 20 प्रतिशत लोग इसकी नकल बड़ी सटीकता के साथ करने के योग्य थे। कुछ प्रशिक्षण के पश्चात्, 70 प्रतिशत ने सफलता पाई थी।

संसार के लगभग प्रत्येक भाग में, ग्लोसोलालिया को देखा जा सकता है। पूरे संसार में मूर्तिपूजक धर्मों में अन्यभाषा का बोलना पाया जाता है। इसमें सूडान के शामन्स अर्थात् ओझावादी, अफ्रीका के पश्चिमी तट के शोंगो पन्थी, इथियोपिया की ज़ोर पन्थी, हैती में वूडू पन्थी और दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी इत्यादि सम्मिलित हैं। बुड़बुड़ाना या अस्पष्ट उच्चारण करना, जिसे पवित्र पुरुषों द्वारा गहरी रहस्यमय अन्तर्दृष्टि को प्राप्त करने के लिए निर्मित किया था, एक प्राचीन प्रथा मानी जाती है।

मूल रूप से ग्लोसोलालिया के दो पहलू हैं। सबसे पहले यह भाषा जैसी आवाज़ों में वार्तालाव करना या बड़बड़ना होता है। व्यावहारिक रूप से कोई भी इसे करने में सक्षम होता है; यहाँ तक कि बच्चे भी इससे पहले कि वे वास्तविक भाषा सीखें इसकी नकल कर सकते हैं, यद्यपि ऐसे वे अनजाने में करते है। इसके बारे में असाधारण कुछ भी नहीं है। ग्लोसोलालिया का दूसरा पहलू उन्माद या समाधि- जैसी उच्चता का प्रदर्शन है। इसके बारे में भी कुछ असामान्य बात नहीं है, यद्यपि, इसे मात्र भाषा-जैसी आवाजों के उच्चारण की अपेक्षा जानबूझकर करना अत्यधिक कठिन होता है।

कुछ मसीही विश्‍वासी, विशेषरूप से पिन्तेकुस्त आन्दोलन से सम्बन्धित, यह मानते हैं, कि नए नियम में वर्णित ग्लोसोलालिया के सदृश के अलौकिक स्पष्टीकरण पाए जाते हैं। वे विश्‍वास करते हैं कि अन्यभाषा में बोलने के वरदान का मुख्य उद्देश्य यह प्रगटीकरण है कि पवित्र आत्मा उनके ऊपर ठीक वैसे ही उण्डेल दिया गया है जैसे कि पिन्तेकुस्त के दिन उण्डेला गया था (प्रेरितों के काम 2), जिस की भविष्यद्वाणी योएल के द्वारा की गई थी (प्रेरितों के काम 2:17)।

ग्लोसोलालिया का उपयोग करने में विश्‍वास करने वाली मसीही कलीसियाओं में इसके उपयोग की मात्रा के प्रति इस या उस सीमा में भिन्नता पाई जाती है, इसके उपयोग के प्रति कोई एकीकृत समझौता नहीं पाया जाता है। उदाहरण के लिए, कुछ लोग यह हठ करते हैं कि यह वास्तव में पवित्र आत्मा का एक वरदान है, जबकि अन्य इसकी महत्वपूर्णता को निम्न स्तर का होना यह कहते हुए आँकते हैं, कि पौलुस ने यह शिक्षा दी है कि “अन्यभाषा में बोलने” का वरदान उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की पवित्र आत्मा के अन्य वरदान हैं (देखें 1 कुरिन्थियों 13)। इसके अतिरिक्त, ऐसे लोग भी हैं, जो कलीसिया को इन विषयों के ऊपर विभाजित होने से बचाने की आशा में इसके न बोलने या इसे एक मनोवैज्ञानिक अनुभव मानते हुए इन्कार करने के द्वारा करते हैं। और ऐसे भी लोग हैं जो ग्लोसोलालिया को स्वयं शैतान की ओर से दिए जाने का एक धोखा मानते हैं।

पूरे संसार में विदेशी भाषाओं को सुना और समझा जाता है, परन्तु विद्यमान भाषाओं को “उन्माद से भरे हुए उच्चारण” या “अन्यभाषा” के रूप में बोले जाने पर न तो सुना जाता या न ही समझा जाता है। जो हम सुनते हैं, वह प्रचार, दावे, भ्रम और शोर का प्रचलन मात्र है। हम केवल ऐसे ही यह नहीं घोषित कर सकते हैं कि आरम्भिक कलीसिया में “हम में हर एक अपनी अपनी जन्म-भूमि की भाषा सुनता [समझता] है” (प्रेरितों के काम 2:8 बी. एस. आई बाइबल)।

साधारण शब्दों में कहें, तो ग्लोसोलालिया के बोलने का अभ्यास बाइबल में वर्णित अन्यभाषा का वरदान नहीं है। पौलुस ने यह स्पष्ट किया कि अन्यभाषा के बोलने के वरदान का मुख्य उद्देश्य विश्‍वास न करने वालों और शुभ सन्देश, मसीह के सुसमाचार को फैलाने का एक संकेत चिन्ह होगा (1 कुरिन्थियों 14:19, 22)।

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