प्रार्थना में चलना क्या होता है? क्या प्रार्थना में चल पड़ना बाइबल आधारित है?

प्रश्न प्रार्थना में चलना क्या होता है? क्या प्रार्थना में चल पड़ना बाइबल आधारित है? उत्तर प्रार्थना में चलना किसी एक स्थान पर प्रार्थना किए जाने वाला अभ्यास, मध्यस्थता की प्रार्थना का एक प्रकार है जिसमें किसी एक निकट स्थान के चारों ओर या निकट प्रार्थना करते हुए चलना सम्मिलित होता है। कुछ लोग विश्‍वास…

प्रश्न

प्रार्थना में चलना क्या होता है? क्या प्रार्थना में चल पड़ना बाइबल आधारित है?

उत्तर

प्रार्थना में चलना किसी एक स्थान पर प्रार्थना किए जाने वाला अभ्यास, मध्यस्थता की प्रार्थना का एक प्रकार है जिसमें किसी एक निकट स्थान के चारों ओर या निकट प्रार्थना करते हुए चलना सम्मिलित होता है। कुछ लोग विश्‍वास करते हैं कि किसी एक स्थान के निकट होना उन्हें “स्पष्ट प्रार्थना के लिए निकट प्रार्थना” की अनुमति देता है। प्रार्थना में चलना व्यक्तिगत् लोगों के द्वारा, समूह के द्वारा, और यहाँ तक पूरी कलीसिया के द्वारा किया जाता है। यह थोड़ी दूर चलने तक या फिर मीलों चलने तक की भी हो सकती हैं। इस में विचार पाँचों इन्द्रियों का उपयोग अर्थात्- देखना, सुनना, सूँघना, स्वाद और स्पर्श — प्रार्थना की आवश्यकता के लिए मध्यस्थक की समझ की वृद्धि करने के लिए किया जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि आप अपने पड़ोस में पैदल चल रहे हैं, तो आपको जिन बातों के लिए प्रार्थना करनी है, उन्हें देखेंगे, हो सकता है कि आप एक बड़े आँगन के पास आ गए हैं, जो अस्त व्यस्त और गन्दगी से भरा हुआ है। यह हो सकता है कि आपको वहाँ रहने वालों के स्वास्थ्य दोनों अर्थात् शारीरिक और आत्मिक के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रेरित करे। कुछ समूह विद्यालयों के चारों ओर प्रार्थना में पैदल चलें, जो आपको वहाँ अन्दर के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए, उनकी सुरक्षा और शान्ति के लिए, और उस विद्यालय के प्रति शैतान के षडयन्त्र असफल होने के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रेरित करे। कुछ लोग महसूस करते हैं कि वे लोगों और स्थानों जिनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं, के निकट पैदल चलते हुए उनकी प्रार्थनाओं को ज्यादा ध्यान केन्द्रित करते हुए और प्रभावशाली तरीके से कर सकते हैं।

प्रार्थना में चलना अपेक्षाकृत एक नया चलन है, इसकी उत्पत्ति स्पष्ट नहीं है। प्रार्थना में चलने के लिए बाइबल आधारित कोई भी नमूना नहीं पाया जाता है, यद्यपि बाइबल के समयों में पैदल चलना ही परिवहन का एक मुख्य तरीका था, जो यह स्पष्ट करता है कि लोग पैदल चलते रहे होंगे और उसी समय प्रार्थना भी करते रहे होंगे। तथापि, ऐसी कोई भी सीधी आज्ञा नहीं मिलती है कि प्रार्थना में चलना कुछ ऐसा जिसे हमें करना चाहिए। यह विश्‍वास करना कि किसी विशेष तरीके से, या जब कोई किसी विशेष मुद्रा में हो तब उनके द्वारा की गई प्रार्थनाएँ अन्य समयों में की गई प्रार्थनाओं या किसी अन्य किसी तरीके से की गई प्रार्थना की अपेक्षा ज्यादा प्रभावशाली होंगी, पवित्रशास्त्र आधारित नहीं है। इसके अतिरिक्त, जबकि हम यह महसूस कर सकते हैं कि हमें अधिक स्पष्टता के साथ प्रार्थना करने के लिए किसी स्थान या परिस्थिति के निकट होना चाहिए, हमारा स्वर्गीय पिता, जो सभी समयों में सभी स्थानों पर उपस्थित है, सटीकता से जानता है कि कौन सी आवश्यकताएँ वहाँ पर आवश्यक हैं और वह उन्हें अपनी सिद्ध इच्छा में और समय के अनुसार उत्तर देगा। सच्चाई यह है कि वह अपनी योजना के अनुसार हमारी प्रार्थनाओं को अपने नहीं, अपितु हमारे लाभ के लिए हिस्सा बनने की अनुमति देता है।

हमें “निरन्तर प्रार्थना करते रहने” के लिए आदेश दिया गया है (1 थिस्सलुनीकियों 5:17), और क्योंकि पैदल चलना कुछ ऐसी बात है जिसे हम प्रतिदिन करते हैं, निश्चित ही इसलिए निरन्तर प्रार्थना करना पैदल चलते समय हमारा हिस्सा होना चाहिए। परमेश्‍वर सभी प्रार्थनाओं को सुनता है, जो उनके द्वारा की जाती है, जो मसीह में बने रहते हैं (यूहन्ना 15:7), चाहे समय, स्थान या परिस्थिति कैसी भी क्यों न हो। ठीक उसी समय, चलते समय प्रार्थना करना, और ऐसा कुछ भी जो हमें प्रार्थना करने लिए प्रेरित करता है, के विरूद्ध कोई भी निश्चित आदेश नहीं दिया गया है, उसके लिए प्रार्थना करने पर विचार करना चाहिए।

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