मसीही छुटकारे का क्या अर्थ है?

प्रश्न मसीही छुटकारे का क्या अर्थ है? उत्तर प्रत्येक व्यक्ति को छुटकारे की आवश्यकता है। हमारी स्वाभाविक अवस्था को दोषी होने के द्वारा चित्रित किया गया है: “सब ने पाप किया है और सभी परमेश्‍वर की महिमा से रहित हैं” (रोमियों 3:23)। मसीह के छुटकारे ने हमें दोष से स्वतंत्र करते हुए हमें, “उसके अनुग्रह…

प्रश्न

मसीही छुटकारे का क्या अर्थ है?

उत्तर

प्रत्येक व्यक्ति को छुटकारे की आवश्यकता है। हमारी स्वाभाविक अवस्था को दोषी होने के द्वारा चित्रित किया गया है: “सब ने पाप किया है और सभी परमेश्‍वर की महिमा से रहित हैं” (रोमियों 3:23)। मसीह के छुटकारे ने हमें दोष से स्वतंत्र करते हुए हमें, “उसके अनुग्रह के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत-मेंत धर्मी ठहरा दिया है” (रोमियों 3:24)।

छुटकारे के लाभों में शाश्‍वतकालीन जीवन (प्रकाशितवाक्य 5:9-10), पापों की क्षमा (इफिसियों 1:7), धर्मी ठहराया जाना (रोमियों 5:17), व्यवस्था के शाप से स्वतंत्रता (गलातियों 3:13), परमेश्‍वर के परिवार में गोद लिया जाना (गलातियों 4:5), पाप के बन्धन से छुटकारा (तीतुस 2:14; 1 पतरस 1:14-18), परमेश्‍वर के साथ मेल-मिलाप (कुलुस्सियों 1:18-20), और पवित्र आत्मा का हम में वास करना (1 कुरिन्थियों 6:19-20) इत्यादि भी सम्मिलित है। छुटकारे का अर्थ, तब, क्षमा, पवित्र, धर्मी, स्वतंत्र और गोद और मेल मिलाप होना है। इन्हें भी देखें भजन संहिता 130:7-8; लूका 2:38; और प्रेरितों के काम 20:28

शब्द छुड़ौती का अर्थ “कुछ खरीदने से” है। इस शब्द को विशेष रूप से एक दास की स्वतंत्रता को खरीदने के संदर्भ में उपयोग किया जाता था। इस शब्द का मसीह की क्रूस के ऊपर दी हुई मृत्यु के निहितार्थ में स्वयं दिखाई देता है। यदि हमारा “छुटकारा” हो गया है तब हमारी पहले की अवस्था दासत्व की थी। परमेश्‍वर ने हमारी स्वतंत्रता को खरीद लिया है और हम अब और अधिक पाप या पुराने नियम की व्यवस्था के बन्धन में नहीं रहे। “छुटकारे” का प्रतीकात्मक उपयोग गलातियों 3:13 और 4:5 में दी हुई शिक्षा में निहित है।

छुटकारे की अवधारणा के साथ ही सम्बन्धित एक अन्य शब्द फिरौती है। यीशु ने पाप और इससे होने वाले परिणामों के लिए दी जाने वाली फिरौती के दाम को चुका दिया है (मत्ती 20:28; 1 तीमुथियुस 2:6)। उसकी मृत्यु हमारे लिए जीवन के बदले में दी गई थी। सच्चाई तो यह है, कि पवित्रशास्त्र इस बात पर स्पष्ट है कि छुटकारा केवल उसके “लहू के द्वारा” ही सम्भव है, अर्थात् उसकी मृत्यु के द्वारा (कुलुस्सियों 1:14)।

स्वर्ग की सड़कें भूतपूर्व बन्धुओं से भरी हुई होंगी, जो अपने स्वयं के गुणों के द्वारा नहीं, अपितु स्वयं को छुटकारा, क्षमा और स्वतंत्रता पाए हुए के रूप में पाएंगे। पाप के दास अब सन्त जन बन गए हैं। इस में कोई सन्देह नहीं है कि हम एक नया गीत गाएंगे – वध किए गए छुटकारे देने वाले के प्रति प्रशंसा का एक गीत (प्रकाशितवाक्य 5:9)। हम पाप के दास, सदैव के लिए परमेश्‍वर के दूर दण्ड के लिए ठहरा दिए गए थे। यीशु ने हमारे छुटकारे के मूल्य को अदा कर दिया, परिणामस्वरूप पाप के दासत्व से हमें स्वतंत्रता मिली और उस पाप से हम सदैव के होने वाले परिणामों से बच गए हैं।

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