मेरे लिए सही धर्म कौन सा है?
प्रश्न मेरे लिए सही धर्म कौन सा है? [] उत्तर फास्ट फूड अर्थात् शीघ्र बन जाने वाले भोजन के रेस्तरां में हमें बिल्कुल वैसा ही भोजन जैसा हम पसन्द करते हैं, की हमें अनुमति देकर लुभाते हैं। कुछ कॉफी या चाय के दुकानदार कॉफी या चाय के सौ से ऊपर स्वादों तथा भिन्नताओं के होने…
मेरे लिए सही धर्म कौन सा है?
फास्ट फूड अर्थात् शीघ्र बन जाने वाले भोजन के रेस्तरां में हमें बिल्कुल वैसा ही भोजन जैसा हम पसन्द करते हैं, की हमें अनुमति देकर लुभाते हैं। कुछ कॉफी या चाय के दुकानदार कॉफी या चाय के सौ से ऊपर स्वादों तथा भिन्नताओं के होने के ऊपर घमण्ड करते हैं। यहाँ तक की मकानों और कारों को खरीदते समय, हम किसी एक को अपनी इच्छा के अनुरूप सभी तरह के विकल्पों और विशेषताओं के साथ देख सकते हैं। हम और अब केवल चॉकलेट, वनीला या स्ट्राबेरी के ही संसार में नहीं रहते हैं। चुनाव करना ही यहाँ पर सर्वोच्चता है! आप अपनी स्वयं की व्यक्तिगत रूचियों और आवयश्कताओं के अनुसार अपनी जरूरत की किसी भी वस्तु को पा सकते हैं।
इसलिए एक ऐसे धर्म के बारे में आपका क्या विचार जो आपके लिए बिल्कुल सही हो? एक ऐसे धर्म के बारे में क्या विचार है जो कि दोषभावना-रहित हो, जो किसी बात की मांग न करे, और अनेक कष्टकारी, यह करो और यह न करो, की आज्ञाओं से भारग्रस्त न हो? वह वहाँ पर है, बिल्कुल वैसे जैसे मैंने इसका वर्णन किया है। परन्तु क्या धर्म कोई ऐसी वस्तु है जिसे अपनी मनपसन्द कुल्फी के स्वाद की तरह चुना जा सकता है?
हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिये बहुत सारी आवाजें होड़ में रहती हैं, इसलिए क्यों फिर कोई उनसे ऊपर कोई यीशु के नाम पर विचार करें, मान लें मोहम्मद या कन्फयूशियस, बुद्ध, या चार्ल्स ताज़े रसल, या जोसफ स्मिथ? कुल मिलाकर, क्या सभी मार्ग स्वर्ग की ओर नहीं जाते हैं? क्या सभी धर्म मूल रूप से एक ही नहीं है? सत्य तो यह है कि सब धर्म स्वर्ग की ओर नहीं ले जाते हैं, बिल्कुल वैसे जैसे सभी सड़कें दिल्ली की ओर नहीं जाती हैं।
केवल यीशु ही परमेश्वर के अधिकार के साथ बात करता है क्योंकि केवल यीशु ने ही मृत्यु पर विजय पाई है। मोहम्मद, कन्फयूशियस, या अन्य कई आज तक अपनी कब्रों में दफन हैं। परन्तु यीशु, अपने स्वयं की सामर्थ्य से, क्रूर रोमी क्रूस के ऊपर मरने के तीन दिन पश्चात कब्र में से बाहर निकल गया। कोई भी जिसके पास मृत्यु पर अधिकार हो हमारे ध्यान को आकर्षित करने के योग्य है। मृत्यु के ऊपर सामर्थ्य पाने वाला कोई भी व्यक्ति हमारे ध्यान को पाने का पात्र है। मृत्यु के ऊपर सामर्थ्य पाने वाला कोई भी व्यक्ति सुने जाने का पात्र है।
यीशु के जी उठने के समर्थन वाले प्रमाण अभिभूत करने वाले हैं। पहला, जी उठे मसीह के पाँच सौ से भी अधिक प्रत्यक्षदर्शी साक्षी थे! यह अत्यधिक चश्मदीद गवाही है। पाँच सौ आवाज़ों को अन्देखा नहीं किया जा सकता। यहाँ पर खाली पड़ी हुई कब्र का भी विषय है। यीशु के शत्रु बड़ी आसानी से जी उठने के बारे में सभी तरह की बातों पर उसके मृत सड़ रहे शरीर, को प्रस्तुत करके रोक लगा सकते थे, परन्तु उनके पास वहाँ पर प्रस्तुत करने के लिए कोई मृत शरीर नहीं था! कब्र खाली थी! क्या शिष्यों ने उसके शरीर को चुरा लिया होगा? ऐसा नहीं था। ऐसी संभावना की रोकथाम के लिए, यीशु की कब्र को हथियारों से लैस सैनिकों द्वारा भारी मात्रा में पहरा दिया जा रहा था। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि उसके निकटतम अनुयायी उनके पकड़े जाने तथा क्रूस पर लटकाये जाने से डर के मारे भाग गए थे, यह बात असम्भव सी जान पड़ती है कि भयभीत मछुआरों का यह निम्नवर्गीय समूह प्रशिक्षित, पेशेवर सैनिकों से लोहा लेता। न ही वे अपने जीवनों को – एक धोखे के लिए बलिदान करते और शहीद हो जाते जैसा कि उनमें से बहुतों ने किया। सरल सच्चाई तो यह है कि यीशु के जी उठने का वर्णन नहीं किया जा सकता!
एक बार फिर से, जिस किसी के पास भी मृत्यु पर अधिकार होगा वह सुने जाने का पात्र है। यीशु ने मृत्यु पर अपने अधिकार को प्रमाणित किया; इसलिए, वह जो कुछ कहता है उसे हमें सुनने की आवश्यकता है। यीशु ही उद्धार का एकमात्र मार्ग होने की घोषणा करता है (यूहन्ना 16:6)। वह कोई एक मार्ग नहीं है, वह कई मार्गों में से एक मार्ग नहीं है। यीशु ही मार्ग है।
और यही यीशु यह कहता है कि, “हे सब परिश्रम करनेवालो और बोझ से दबे हुए लोगो, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूँगा” (मत्ती 11:28)। यह एक कठोर संसार है और जीवन इसमें कठिन है। हम में से अधिकांश अच्छे खासे लहूलुहान, घायल, और संघर्षरत् हैं। हम इससे सहमत हैं? इसलिए आप क्या चाहते हैं? धर्मसुधार या केवल धर्म? एक जीवित उद्धारकर्ता को या मरे हुए कई ‘भविष्यद्वक्ताओं’ में से एक को? एक अर्थपूर्ण सम्बन्ध या व्यर्थ के धार्मिक अनुष्ठानों को? यीशु एक विकल्प नहीं है-यीशु ही विकल्प है!
यदि आप क्षमा की खोज में हैं तो यीशु एक सही “धर्म” है (प्रेरितों के काम 10:43)। यदि आप परमेश्वर के साथ अर्थपूर्ण सम्बन्ध चाहते हैं तो यीशु एक सही “धर्म” है (यूहन्ना 10:10)। यदि आप स्वर्ग में अनन्तकालीन निवास को चाहते हैं तो यीशु ही एक सही “धर्म” है (यूहन्ना 3:16)। अपने उद्धारकर्ता के रूप में यीशु मसीह में अपना विश्वास रखें; आपको इसका पछतावा नहीं होगा! अपने पापों की क्षमा के लिए उस में भरोसा रखें; आप को हताशा नहीं होगी।
अगर आप परमेश्वर के साथ एक “सही सम्बन्ध” रखना चाहते हैं, तो यहाँ पर एक सरल प्रार्थना दी गई है। स्मरण रखें, इस प्रार्थना या कोई अन्य प्रार्थना का बोलना आपको नहीं बचा सकता है। केवल यीशु मसीह और क्रूस के ऊपर उसके द्वारा समाप्त किए हुए कार्य में विश्वास ही है जो आपको पाप से बचा सकता है। यह प्रार्थना उसमें अपने विश्वास को व्यक्त करने और आपके लिए उद्धार का प्रबन्ध करने के लिए धन्यवाद देने का एक तरीका मात्र है। “हे, परमेश्वर, मैं जानता हूँ कि मैं ने आप के विरुद्ध पाप किया है, और मैं सजा का पात्र हूँ। परन्तु यीशु मसीह ने उस सजा को स्वयं पर ले लिया जिसका पात्र मैं था ताकि उसमें विश्वास करने के द्वारा मैं क्षमा किया जा सकूँ। मैं उद्धार के लिए आप में अपने विश्वास को रखता हूँ। आपके अद्भुत अनुग्रह तथा क्षमा – जो अनन्त जीवन का उपहार है, के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ! आमीन।”
जो कुछ आपने यहाँ पढ़ा है क्या उसके कारण आपने मसीह के पीछे चलने के लिए निर्णय लिया है? यदि ऐसा है तो कृप्या नीचे दिए हुए “मैंने आज यीशु को स्वीकार कर लिया है” वाले बटन को दबाइये।
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