यदि आप अपने उद्धार के प्रति सन्देह करते हैं, तो क्या इसका अर्थ यह है कि आप सच में बचाए नहीं गए?

प्रश्न यदि आप अपने उद्धार के प्रति सन्देह करते हैं, तो क्या इसका अर्थ यह है कि आप सच में बचाए नहीं गए? उत्तर हर किसी में कभी-कभी सन्देह उठ खड़े होते हैं। चाहे आपको सन्देह है या नहीं,यह इस बात को निर्धारित नहीं करता है कि आप एक मसीही विश्‍वासी है या नहीं। यहाँ…

प्रश्न

यदि आप अपने उद्धार के प्रति सन्देह करते हैं, तो क्या इसका अर्थ यह है कि आप सच में बचाए नहीं गए?

उत्तर

हर किसी में कभी-कभी सन्देह उठ खड़े होते हैं। चाहे आपको सन्देह है या नहीं,यह इस बात को निर्धारित नहीं करता है कि आप एक मसीही विश्‍वासी है या नहीं। यहाँ तक कि जब एक मसीही विश्‍वासी विश्‍वासहीन हो जाता है, परमेश्‍वर तब भी विश्‍वासयोग्य रहता है (2 तीमुथियुस 2:13)। परमेश्‍वर चाहता है कि हम हमारे उद्धार के प्रति निश्चित और आश्‍वस्त रहें (रोमियों 8:38-39; 1 यूहन्ना 5:13)। परमेश्‍वर प्रतिज्ञा करता है कि जो कोई भी यीशु मसीह में विश्‍वास करेगा वह बचाया जाएगा (यूहन्ना 3:16; रोमियों 10:9-10)। हम सभों ने पाप किया है और परमेश्‍वर की महिमा से रहित हो गए हैं (रोमियों 3:23)। परिणामस्वरूप, हम मृत्यु के दण्ड के भागी और अनन्तकाल के लिए परमेश्‍वर से पृथक हैं (रोमियों 6:23)। परन्तु परमेश्‍वर ने हमसे इतना अधिक प्रेम किया है कि हमारे स्थान पर मरते हुए, उस दण्ड को अपने ऊपर ले लिये जिसके योग्य हम थे (रोमियों 5:8)। परिणामस्वरूप, वे विश्‍वास करने वाले सभी लोग बचाए जाते और शाश्‍वतकाल के लिए सुरक्षित हैं।

कई बार सन्देह करना अच्छी बात होती है। पौलुस 2 कुरिन्थियों 13:5 में हमें कहता है, “अपने आप को परखो कि विश्‍वास में हो कि नहीं।” हमें स्वयं को यह सुनिश्चित करने के लिए जाँच करनी चाहिए कि यीशु वास्तव में हमारा उद्धारकर्ता है और यह कि पवित्र आत्मा वास्तव में हम में वास करता है। यदि वह वास करता है, तब ऐसा कोई भी तरीका नहीं है कि हम उस उद्धार को खो दें जिसे मसीह ने हमारे लिए प्राप्त किया है (रोमियों 8:38-39)। यदि वह वास नहीं करता है, तब तो कदाचित् पवित्र आत्मा हमें हमारे पाप के प्रति दोषी ठहरा रहा होगा और हमें पश्चाताप करने और मसीह के द्वारा परमेश्‍वर के साथ मेल-मिलाप करने की प्रेरणा दे रहा है। हमारे उद्धार का आश्‍वासन इस ज्ञान से आता है कि हम एक बार जब हम मसीह में होते हैं, तब हम शाश्‍वतकाल के लिए सुरक्षित हैं। परन्तु वास्तविक बचाने वाला विश्‍वास अपने कार्यों (याकूब 2:14-26) और हम में वास करने वाले आत्मा के फल (गलातियों 5:22) के द्वारा प्रमाणित होता है। इस प्रमाण की कमी कई बार हम में सन्देहों का कारण बन जाता है।

क्या आपने अपने विश्‍वास को मसीह में रखा है? यदि आपका उत्तर हाँ में है, तब अपने सन्देहों को एक ओर फेंक दीजिए और परमेश्‍वर मे भरोसा कीजिए। यदि आप यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में जानते हैं, तब तो आप बिना किसी सन्देह के बचाए गए हैं! यदि आपका उत्तर नहीं में है, तब तो आपको प्रभु यीशु मसीह में विश्‍वास करना चाहिए और आप बचाए जाएँगे! यदि आपके पास उद्धार के बारे में कोई प्रश्‍न है तो, कृपया हम से पूछने मे संकोच न करें। या फिर आप हमारे शाश्‍वतकाल के जीवन नामक पृष्ठ पर जाएँ और इसे पढ़ें।

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